Amrit Drav
लाभ:- सर्दी-जुकाम, खाँसी, सिरदर्द व गले के रोगों में लाभदायक ।
सेवन विधि : यदि आपको अत्याधिक सर्दी-जुकाम एवं खाँसी है तो दिन में 2 बार खाली पेट 1 कप गुनगुने पानी (Luke Warm Water) में 8 बूंद (नोर्मल वालों के लिये 4 बूंद) अमृत द्रव डालकर पी लें । 2-3 बूंद अमृत द्रव हथेली में लेकर गले, नाक एवं छाती में भी मालिश करें । तथा 5-10 मिनिट कम्बल ओढकर लेट जाएँ ।
सावधानी : एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि अमृत द्रव को आप आपकी आँखों पर, आँखों में या आँखों के आस-पास भूलकर भी बिलकुल ना लगाएं ।
यदि आपको सिरदर्द हो रहा है तो 2 बूंद पानी हथेली में लेकर उसमें 2 बूंद अमृत द्रव मिलाकर माथे (Forehead) पर लगाने से तुरंत लाभ होता है ।
यदि आपको गले में दर्द, खराश, टोंसिल आदि की तकलीफ हो रही है तो आप दिन में 2 बार खाली पेट 1 कप गुनगुने पानी ( Luke Warm Water) में 8 बूंद अमृत द्रव डालकर पी लें । 2-3 बूंद अमृत द्रव हथेली में लेकर गले पर अच्छी तरह से मालिश करें ।
यदि आपको हलकी-फुल्की चोंट लग गयी है तो आप अमृत द्रव को उस जगह पर लगाएंगे तो दर्द में तुरंत आराम होगा ।
यदि आपको किसी कीड़े ने काट लिया है तब भी आप अमृत द्रव को उस काटे हुए स्थान पर लगाएंगे तो दर्द में तुरंत आराम होगा ।
परहेज (Restrictions) : सर्दी-जुकाम, खाँसी, नजला, कफ एवं गले के रोग में जबतक रोग पूरी तरह से नियन्त्रण में नहीं आता तबतक रोगियों को खटाई, दही, चावल, कोल्डड्रिंक, छाछ, आइसक्रीम, मिठाई, नीबू, दूध, फ्रिज का ठंडा पानी, घी एवं तेल में तली हुई चीजों का सेवन बिलकुल बंद कर देना चाहिए ।
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Product information
Camphor, Menthol, Ajwain Sat Dosage: 5 drops with 1 cup lukewarm water or as per the doctor’s instructions.Benefits of Amrit Dhara in Hindi [Amrit Dhara ke Fayde] Beneficial in cold, cough, headache, and throat diseases. If you have been bitten by an insect, applying Amrit liquid to the bitten area will provide immediate relief from pain. If you have a minor injury, applying Amrit liquid to the affected area will provide immediate relief from pain.
How To Use Amrit Dhara – Usage Method [Kaise Upyog Karein] – Dosage If you have severe cold, cough, and phlegm, take 5 drops of the liquid in 1 cup lukewarm water on an empty stomach twice a day. Take 2-3 drops of Amrit liquid in your palm and massage it on your throat, nose, and chest. Cover yourself with a blanket for 5-10 minutes after that. To protect against infections, inhale a few drops of it on a cloth or cotton. It can also be applied like balm in case of a headache. If you have a headache, mix 2 drops of Amrit liquid in 2 drops of water, apply it on the forehead, and you will get immediate relief. Use as per the doctor’s instructions.
Precaution – Caution Always remember not to apply Amrit liquid on or around your eyes. Patients suffering from cold, cough, nasal congestion, phlegm, and throat diseases should completely avoid consuming sour foods, yogurt, rice, cold drinks, buttermilk, ice cream, sweets, lemon, milk, cold water from the fridge, ghee, and fried items until the disease is completely under control.
कपूर, मेंथोल, अजवायन सत्
खुराक: 5 बूंद 1 कप गुनगुने पानी के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार ।
Amrit Dhara Benefits in Hindi [Amrit Dhara ke Fayde]
सर्दी-जुकाम, खाँसी, सिरदर्द व गले के रोगों में लाभदायक ।
यदि आपको किसी कीड़े ने काट लिया है तब भी आप अमृत द्रव को उस काटे हुए स्थान पर लगाएंगे तो दर्द में तुरंत आराम होगा ।
यदि आपको हल्की-फुल्की चोट लग गयी है तो आप अमृत द्रव को उस जगह पर लगाएंगे तो दर्द में तुरंत आराम होगा ।
How To Use Amrit Dhara – उपयोग विधि [Kaise Upyog Karein] – Dosage
यदि आपको अत्याधिक सर्दी-जुकाम एवं खाँसी है तो दिन में 2 बार खाली पेट 1 कप गुनगुने पानी में 5 बूंद द्रव डालकर पी लें ।
2-3 बूंद अमृत द्रव हथेली में लेकर गले, नाक एवं छाती में भी मालिश करें तथा 5-10 मिनिट कम्बल ओढ़कर लेट जाएं ।
संक्रमण से रक्षा हेतु इसकी कुछ बूंदें कपड़े या रूई के फाहे पर लेकर सूंघें ।
सिरदर्द होने पर इसे बाम की तरह भी लगाया जा सकता है । यदि आपको सिरदर्द हो रहा है तो 2 बूंद पानी हथेली में लेकर उसमें 2 बूंद अमृत द्रव मिलाकर माथे (Forehead) पर लगाने से तुरंत लाभ होता है ।
चिकित्सक के निर्देश अनुसार प्रयोग करें ।
Precaution – सावधानी
एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि अमृत द्रव को आप आपकी आँखों पर, आँखों में या आँखों के आस-पास भूलकर भी बिलकुल ना लगाएं ।
सर्दी-जुकाम, खाँसी, नजला, कफ एवं गले के रोग में जबतक रोग पूरी तरह से नियन्त्रण में नहीं आता तबतक रोगियों को खटाई, दही, चावल, कोल्डड्रिंक, छाछ, आइसक्रीम, मिठाई, नींबू, दूध, फ्रिज का ठंडा पानी, घी एवं तेल में तली हुई चीजों का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए ।
Weight | .5 kg |
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Dimensions | 20 × 20 × 20 cm |