Vaatrogantak Tandav Tail
For Arthritis, back pain,knee pain,paralysis.immediate action on pain area relaxings stressed muscles.
यह तेल समस्त जोडों एवं गठिया का दर्द जैसे पीठ दर्द, कमर दर्द, घुटनो का दर्द, आमवात, कंपवात, सूजन, सायटिका व लकवा आदि में जड़ से काम करता है। इस तेल को नियमित रुप से इस्तेमाल करने पर घुटनों के आपरेशन की जरूरत नही पडती ।
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VaatRogantak Tandav Tail : This oil is useful in all joint and arthritis pains such as back pain, waist pain, knee pain, rheumatism, paralysis, swelling, sciatica and paralysis etc. Knee pain can be cured by using this oil regularly.
वात रोगांतक तांडव तेल : यह तेल समस्त जोडों एवं गठिया का दर्द जैसे पीठ दर्द, कमर दर्द, घुटनो का दर्द, आमवात, कंपवात, सूजन, सायटिका व लकवा आदि में उपयोगी है। इस तेल को नियमित रुप से इस्तेमाल करने पर घुटनों का दर्द ठीक हो सकता है। इसके साथ हल्दी घनवटी और संधिवातनाशक चूर्ण का उपयोग करने से अत्यधिक लाभ होता है ।
Composition :
Egle Mamelous, Vithania Sogniferra, Solenum indicum, Solenum Jainthoarpum Tribulous Tirestis, Oroscsilmaindicum, Sida Carlfolia, Erithrina Verigola, Premna Etigrafolia, Bohaibiadifuza, Beda Recsbargi, Inularesimosa, Cyprous Rotcara, Cinemomum Tamala, Cinernomum Jilenica, Talkirpmum Amami Ferula Fidica, Malkagini Oil, Kamphor Oil, Mustard Oil.
उपयोग विधि : तेल को लगाकर मालिश करें, नमक की छोटी थैली से सेंकने पर शीघ्र लाभ होता है ।
तेल को हल्के हाथ से लें और इसे चोट या घाव के आसपास मालिश करें । इससे दर्द और सूजन में राहत मिलती है ।
Precaution – सावधानी :
भोजन के तुरंत बाद कभी भी मालिश नहीं करनी चाहिए। मालिश शीघ्रता से न करें अन्यथा यह थकान पैदा करती है।
मालिश के बाद ठंडी हवा में न घूमें।
बुखार, कब्ज, अजीर्ण, आमदोष, तरूण ज्वर, कफ से पीड़ित तथा उपवास या अधिक रात्रि तक जागरण किये हुए एवं बहुत थके हुए व्यक्ति को तेल मालिश नहीं करनी चाहिए।
रोग दूर करने के लिए किस अंग की मालिश करनी है, जानकार, वैद्य आदि से समझकर मालिश करनी चाहिए।
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